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Thursday, August 22, 2024

YOUTAG registration

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*💥#धमाका #धमाका #धमाका 💥*
YOUTAG is beneficiary job for Life time
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Youtag Business

कंपनी का नाम  YOUTAG इन्फोटेक प्राइम लिमिटेड
YOUTAG की स्थापना 30 दिसंबर 2020 को हुई थी
YOUTAG सीएमडी सर चंद्रभान जी राजावत,( हाई कोर्ट वकील)
एमडी सर विनोद प्रजापत जी  इंजीनियर
 1.हिंदुस्तान की पहली एप्लीकेशन  सर्विस कंपनी YOUTAG जहां से एक्स्ट्रा इनकम के साथ अपको को लाखों रुपए कमाने का मौका मिलता है
3. हिंदुस्तान की पहली ऐसी एप्लीकेशन YOUTAG  जहां से आपको ऐसे प्रोडक्ट की जानकारी मिलती है जहां से आप 1. टाइम शॉपिंग करके लाखों रुपए कमाने का मौका मिलता है शॉपिंग 590 से₹100000 तक की शॉपिंग कर सकते हैं 
4.799 में डिजिटल E book मिलता है फिजिकल इससे ज्यादा अमाउंट लगाकर भी वन टाइम शॉपिंग करके लाखों रुपए कमाने का मौका मिलता है

5. हिंदुस्तान की पहली ऐसी कंपनी YOUTAG जहां से आपको सर्विस पर पैसे कमाने का मौका मिलता है जैसे कि रिचार्ज पर आपको 2.5 कैशबैक मिलता है बिजली बिल भरने पर भी पैसा मिलता है LIC किस्त भरने पर भी पैसा मिलता है पेट्रोल डीजल डलवाने से भी पैसा कमाने का मौका मिलता है
6. हिंदुस्तान की पहली ऐसी कंपनी जहां से आपको टीम बनाने पर लाखों रुपए  कमाने का मौका मिलता है
7. लेवल 1 में 40% -190
8. लेवल 2 में 8% -40
9. लेवल 3 में 4%-20
10. लेवल 4 में 2%-10
11. लेवल 5 से 20 लेवल 1%-5
12. पहली ऐसी एप्लीकेशन यू टेग जैसे 15 डायरेक्ट करने पर 25 लाख लोगों का नेटवर्क लेने का मौका मिलता है जिसमें आपका  लेवल BRONZE बन जाते हो।
13. जिसमें आपके फैमिली सिक्योरिटी लेने का सुनहरा मौका मिलता है।
14. 6 महीने लगातार अगर आप कंपनी के अंदर रहते हो हर महीने एक आदमी की जॉइनिंग या फिर 100 BV बिजनेस का कोई प्रोडक्ट परचेसिंग करते हो अगर आपकी उम्र 18 साल से लेकर 70 साल के बीच में है नॉर्मल डेट या एक्सीडेंट होने पर आपको 25 लाख लोगों का नेटवर्क के द्वारा एक बहुत बड़ी पॉलिसी दी जाती है
15. पहली ऐसी एप्लीकेशन यू टेग जहां से 15 * 5 करने पर 75 लोगों की टीम बनते पर आप कंपनी के अंदर सिल्वर रैंक अचीव कर लेती हो जिस पर आपको एक परसेंट रॉयल्टी  रात के सोने के पैसे प्लस 15000 📱का मोबाइल फंड लेने का मौका मिल जाता है वह भी मंथली के रूप में 
16. पहली ऐसी एप्लीकेशन  गोल्ड बनने पर 1.5 परसेंट रॉयल्टी रात के सोने के पैसे साथ में आपको मिलता है 121000 का बाइक फंड 🏍️🏍️🏍️🏍️
17. पहले हिंदुस्तान की कंपनी प्लैटिना बनने पर 1.75  परसेंट रॉयल्टी इनकम रात के सोने के पैसे साथ में मिलता है आपको 6 लाख 51000 का कार फंड 🚘🚘🚘
18. पहले हिंदुस्तान की कंपनी डायमंड बनने 2% रॉयल्टी इनकम  रात के सोने के पैसे साथ मिलता है 1 करोड रुपए लग्जरी कार फंड लेने का आपके पास मौका पर 🚔🚔🚔🚔
19. पहले हिंदुस्तान की कंपनी जहां से आपको कोहिनूर बनने पर 2.5 करोड रुपए का घर बनाने का सपना भी पूरा हो जाता है🏫🏫🏫🏫🏫

Saturday, June 1, 2024

Urinary problem

🌹
*कभी पेशाब रुक जाए तो क्या करें*           

*यह एक प्रसिद्ध एलोपैथी चिकित्सक 70 वर्षीय ईएनटी विशेषज्ञ का अनुभव है।*  
आइए सुनते हैं अनुठा अनुभव..  

               एक सुबह वे अचानक उठे।  उन्हें मुत्रत्याग करने की जरूरत थी, लेकिन वे कर नहीं सके (कुछ लोगों को बाद की उम्र में कभी-कभी यह समस्या होती है)। उन्होंने बार-बार कोशिश की, लेकिन लगातार कोशिश नाकाम रही। तब उन्होंने महसूस किया कि एक समस्या खड़ी हो गयी है।

एक डॉक्टर होने के नाते, वे ऐसी शारीरिक समस्याओं से अछूते नहीं थे; उनका निचला पेट भारी हो गया। बैठना या खड़े़ रहना दुस्वार होने लगा, तल-पेट में दबाव बढ़ने लगा ।

तब उन्होंने एक जाने-माने यूरोलॉजिस्ट को फोन पर बुलाया और स्थिति के बारे में बताया।  मूत्र-रोग विशेषज्ञ ने उत्तर दिया: "मैं इस समय एक बाहरी क्षेत्र के अस्पताल में हूँ, और आपके क्षेत्र के क्लिनिक में दो घंटे में पहुँच पाऊँगा। क्या आप इतने लंबे समय तक इसका सामना कर सकते हैं?"
उन्होंने उत्तर दिया: "मैं कोशिश करूँगा।"
उसी समय, उन्हें बचपन की एक अन्य एलोपैथिक महिला-डॉक्टर का ध्यान आया। बड़ी मुश्किल से उन्होंने अपनी दोस्त-डाक्टर को स्थिति के बारे में बताया।
उस सहेली ने उत्तर दिया:-  *"ओह, आपका मूत्राशय भर गया है। और कोशिश करने पर भी आप मुत्रत्याग कर नहीं पा रहे... चिंता न करें। जैसा मैं बता रही हूं, वैसा ही करें। आप इस समस्या से छुटकारा पा जाएंगे।"*  
और उसने निर्देश दिया:- 
"सीधे खड़े हो जाइये, और जोर से बार-बार कूदिये। कूदते समय दोनों हाथों को ऊपर यूॅं उठाए रखें, मानो आप किसी पेड़ से आम तोड़ रहे हों। ऐसा 10 से 15 बार करें।"
बूढ़े डॉक्टर ने सोचा: "क्या? सचमुच मैं इस स्थिति में कूद पाऊंगा? इलाज थोड़ा संदिग्ध लग रहा था। फिर भी डॉक्टर ने कोशिश की... 
3 से 4 बार छलांग लगाने पर ही उन्हें पेशाब की तलब लगी और उन्हें राहत मिल गयी।  
 उन्होंने इतनी सरल विधि से समस्या को हल करने के लिए अपनी मित्र डॉक्टर को सहर्ष धन्यवाद दिया। 
अन्यथा, उन्हें अस्पताल में भर्ती होना पड़ता, मूत्राशय की जाॅंच, इंजेक्शन, एंटीबायोटिक्स आदि के साथ साथ कैथेटर डालना होता... उनके और करीबी लोगों के लिए मानसिक तनाव के साथ लाखों का बिल भी होता।
 
कृपया वरिष्ठ नागरिकों के साथ साझा करें। इस असहनीय अनुभव वाले किसी भी व्यक्ति के लिए यह एक बहुत ही सरल उपाय है.... 

सभी *वरिष्ठ नागरिक* (55 से ऊपर की उम्र के) कृपया अवश्य पढ़ें, हो सकता है आपके लिए फायदेमंद हो .. 
           
*आप जानते हैं कि मन चाहे कितना ही जोशीला हो पर साठ की उम्र पार होने पर यदि आप अपनेआप को फुर्तीला और ताकतवर समझते हों तो यह गलत है।  वास्तव में ढलती उम्र के साथ शरीर उतना ताकतवर और फुर्तीला नहीं रह जाता।*

आपका शरीर ढलान पर होता है, जिससे ‘हड्डियां व जोड़ कमजोर होते हैं, पर *कभी-कभी मन भ्रम बनाए रखता है कि ‘ये काम तो मैं चुटकी में कर लूँगा’।*  पर बहुत जल्दी सच्चाई सामने आ जाती है मगर एक नुकसान के साथ।

सीनियर सिटिजन होने पर जिन बातों का ध्यान रखा जाना चाहिए, ऐसी कुछ टिप्स दे रहा हूं। 

 -- *धोखा तभी होता है जब मन सोचता है कि ‘कर लूंगा’ और शरीर करने से ‘चूक’ जाता है।  परिणाम एक एक्सीडेंट और शारीरिक क्षति!*
ये क्षति फ्रैक्चर से लेकर ‘हेड इंज्यूरी’ तक हो सकती है।  यानी कभी-कभी जानलेवा भी हो जाती है।

-- *इसलिए जिन्हें भी हमेशा हड़बड़ी में काम करने की आदत हो, बेहतर होगा कि वे अपनी आदतें बदल डालें।*

*भ्रम न पालें, सावधानी बरतें क्योंकि अब आप पहले की तरह फुर्तीले नहीं रहे।*

छोटी सी चूक कभी बड़े नुक़सान का कारण बन जाती है।

-- *सुबह नींद खुलते ही तुरंत बिस्तर छोड़ खड़े न हों, क्योंकि आँखें तो खुल जाती हैं मगर शरीर व नसों का रक्त प्रवाह पूर्ण चेतन्य अवस्था में नहीं हो पाता ।*

अतः पहले बिस्तर पर कुछ मिनट बैठे रहें और पूरी तरह चैतन्य हो लें।  कोशिश करें कि बैठे-बैठे ही स्लीपर/चप्पलें पैर में डाल लें और खड़े होने पर मेज या किसी सहारे को पकड़कर ही खड़े हों। अक्सर यही समय होता है डगमगाकर गिर जाने का।

-- गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं बाथरुम/वॉशरुम या टॉयलेट में ही होती हैं।  आप चाहे अकेले हों, पति/पत्नी के साथ या संयुक्त परिवार में रहते हों लेकिन बाथरुम में अकेले ही होते हैं।

-- *यदि आप घर में अकेले रहते हों, तो और अधिक सावधानी बरतें क्योंकि गिरने पर यदि उठ न सके तो दरवाजा तोड़कर ही आप तक सहायता पहुँच सकेगी, वह भी तब जब आप पड़ोसी तक समय से सूचना पहुँचाने में सफल हो सकेंगे।*
— *याद रखें बाथरुम में भी मोबाइल साथ हो ताकि वक्त जरुरत काम आ सके।*

-- देशी शौचालय के बजाय हमेशा यूरोपियन कमोड वाले शौचालय का ही इस्तेमाल करें।  यदि न हो तो समय रहते बदलवा लें, इसकी तो जरुरत पड़नी ही है, अभी नहीं तो कुछ समय बाद।

संभव हो तो कमोड के पास एक हैंडिल लगवा लें।  कमजोरी की स्थिति में इसे पकड़ कर उठने के लिए ये जरूरी हो जाता है।

बाजार में प्लास्टिक के वेक्यूम हैंडिल भी मिलते हैं, जो टॉइल जैसी चिकनी सतह पर चिपक जाते हैं, पर *इन्हें हर बार इस्तेमाल से पहले खींचकर जरूर जांच-परख लें।*

-- *हमेशा आवश्यक ऊँचे स्टूल पर बैठकर ही नहायें।*

बाथरुम के फर्श पर रबर की मैट जरूर बिछाकर रखें ताकि आप फिसलन से बच सकें।

-- *गीले हाथों से टाइल्स लगी दीवार का सहारा कभी न लें, हाथ फिसलते ही आप ‘डिस-बैलेंस’ होकर गिर सकते हैं।*

-- बाथरुम के ठीक बाहर सूती मैट भी रखें जो गीले तलवों से पानी सोख ले।  कुछ सेकेण्ड उस पर खड़े रहें फिर फर्श पर पैर रखें वो भी सावधानी से। 

-- *अंडरगारमेंट हों या कपड़े, अपने चेंजरूम या बेडरूम में ही पहनें।  अंडरवियर, पाजामा या पैंट खडे़-खडे़ कभी नहीं पहनें।*

हमेशा दीवार का सहारा लेकर या बैठकर ही उनके पायचों में पैर डालें, फिर खड़े होकर पहनें, वर्ना दुर्घटना घट सकती है।

*कभी-कभी स्मार्टनेस की बड़ी कीमत चुकानी पड़ जाती है।*

-- अपनी दैनिक जरुरत की चीजों को नियत जगह पर ही रखने की आदत डाल लें, जिससे उन्हें आसानी से उठाया या तलाशा जा सके।

*भूलने की आदत हो, तो आवश्यक चीजों की लिस्ट मेज या दीवार पर लगा लें, घर से निकलते समय एक निगाह उस पर डाल लें, आसानी रहेगी।*

-- जो दवाएं रोजाना लेनी हों, उनको प्लास्टिक के प्लॉनर में रखें जिससे जुड़ी हुई डिब्बियों में हफ्ते भर की दवाएँ दिन-वार के साथ रखी जाती हैं।

*अक्सर भ्रम हो जाता है कि दवाएं ले ली हैं या भूल गये।प्लॉनर में से दवा खाने में चूक नहीं होगी।*

-- *सीढ़ियों से चढ़ते उतरते समय, सक्षम होने पर भी, हमेशा रेलिंग का सहारा लें, खासकर ऑटोमैटिक सीढ़ियों पर।*

ध्यान रहे अब आपका शरीर आपके मन का *ओबिडियेंट सरवेन्ट* नहीं रहा।

— बढ़ती आयु में कोई भी ऐसा कार्य जो आप सदैव करते रहे हैं, उसको बन्द नहीं करना चाहिए। 

कम से कम अपने से सम्बन्धित अपने कार्य स्वयं ही करें।

— *नित्य प्रातःकाल घर से बाहर निकलने, पार्क में जाने की आदत न छोड़ें, छोटी मोटी एक्सरसाइज भी करते रहें। नहीं तो आप योग व व्यायाम से दूर होते जाएंगे और शरीर के अंगों की सक्रियता और लचीला पन कम होता जाएगा।  हर मौसम में कुछ योग-प्राणायाम अवश्य करते रहें।*

— *अपना पानी, भोजन, दवाई इत्यादि स्वयं लें जिससे शरीर में सक्रियता बनी रहे।*

बहुत आवश्यक होने पर ही दूसरों की सहायता लेनी चाहिए। 

— *घर में छोटे बच्चे हों तो उनके साथ अधिक समय बिताएं, लेकिन उनको अधिक टोका-टाकी न करें। 

-- *ध्यान रखें कि अब आपको सब के साथ एडजस्ट करना है न कि सब को आपसे।*

-- इस एडजस्ट होने के लिए चाहे, बड़ा परिवार हो,  छोटा परिवार हो या कि पत्नी/पति हो, मित्र हो, पड़ोसी या समाज।

*एक मूल मंत्र सदैव उपयोग करें।*    
    
1. *नोन* अर्थात नमक।  भोजन के प्रति स्वाद पर नियंत्रण रखें।   

2. *मौन*  कम से कम एवं आवश्यकता पर ही बोलें।   

3. *कौन* (मसलन कौन आया  कौन गया, कौन कहां है, कौन क्या कर रहा है) अपनी दखलंदाजी कम कर दें।                 

*नोन, मौन, कौन* के मूल मंत्र को जीवन में उतारते ही *वृद्धावस्था* प्रभु का वरदान बन जाएगी जिसको बहुत कम लोग ही उपभोग कर पाते हैं। 

*कृपया इस संदेश को अपने घर, रिश्तेदारों, आसपड़ोस के वरिष्ठ सदस्यों को भी अवश्य प्रेषित करें।*🌹❤️              
   *जिन्हें सुबह या रात में सोते समय  पेशाब करने जाना पड़ता हैं उनके लिए विशेष सूचना!!*

        हर एक व्यक्ति को इसी साढ़े तीन मिनिट में सावधानी बरतनी चाहिए।

*यह इतना महत्व पूर्ण क्यों है?*
        यही साढ़े तीन मिनिट अकस्माक होने वाली मौतों की संख्या कम कर सकते हैं।

        जब जब ऐसी घटना हुई हैं, परिणाम स्वरूप तंदुरुस्त व्यक्ति भी रात में ही मृत पाया गया हैं।

        ऐसे लोगों के बारे में हम कहते हैं, कि कल ही हमने इनसे बात की थी। ऐसा अचानक क्या हुआ? यह कैसे मर गया?

       इसका मुख्य कारण यह है कि रात मे जब भी हम मूत्र विसर्जन के लिए जाते हैं, तब अचनाक या ताबड़तोब उठते हैं, परिणाम स्वरूप मस्तिष्क तक रक्त नही पहुंचता है।

       यह साढ़े तीन मिनिट बहुत महत्वपूर्ण होते हैं।

      मध्य रात्रि जब हम पेशाब करने उठते है तो हमारा ईसीजी का पैटर्न बदल सकता है। इसका कारण यह है, कि अचानक खड़े होने पर मस्तिष्क को रक्त नहीं पहुच पाता और हमारे ह्रदय की क्रिया बंद हो जाती है।

   साढ़े तीन मिनिट का प्रयास एक उत्तम उपाय है।

1. *नींद से उठते समय आधा मिनिट गद्दे पर लेटे हुए रहिए।*

2. *अगले आधा मिनिट गद्दे पर बैठिये।*

3. *अगले अढाई मिनिट पैर को गद्दे के नीचे झूलते छोड़िये।

   साढ़े तीन मिनिट के बाद  और ह्रदय की क्रिया भी बंद नहीं होगी! इससे अचानक होने वाली मौतें भी कम होंगी।
     आपके प्रियजनों को लाभ हो अतएव सजग करने हेतु अवश्य प्रसारित करे।
           
           धन्यवाद                        💐🫀💐💐